उज्जैन। सोमवार को उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण कार्यालय के परिसर में जिला पंचायत अध्यक्ष करण कुमारिया द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत उद्यानिकी फसलों के लिये मौसम आधारित फसल बीमा योजना के प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। उल्लेखनीय है कि उक्त योजना कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
उक्त प्रचार वाहन सोमवार को उप संचालक उद्यानिकी कार्यालय से रवाना होकर उज्जैन विकास खण्ड के पीपल्याराघौ, ब्रजराजखेड़ी, गंगेड़ी, पालखेड़ी, चिन्तामन जवासिया, बामोरा, नलवा और चन्दूखेड़ी से होता हुआ बड़नगर विकास खण्ड के ग्राम खड़ोतिया, चिकली, इंगोरिया, ऊंटेसरा, खरसोदखुर्द, बड़नगर और भाटपचलाना में भ्रमण करेगा।
इसके बाद मंगलवार 24 दिसम्बर को प्रचार वाहन खाचरौद विकास खण्ड के खाचरौद, कंचनखेड़ी, घिनौदा, नागदा, उन्हेल और महिदपुर विकास खण्ड के रूपेटा, महिदपुर रोड, राघवी, खेड़ाखजुरिया और घोंसला में भ्रमण करेगा।
बुधवार 25 दिसम्बर को प्रचार वाहन तराना विकास खण्ड के रूपाखेड़ी, तराना, कायथा, ताजपुर और हरसोदन तथा घट्टिया विकास खण्ड के ग्राम ढाबलागौरी, ढाबलारेहवारी, सुरासा, कालियादेह, बरखेड़ी, कागदी कराड़िया, रामगढ़ और सोडंग में प्रचार-प्रसार करेगा।
इस दौरान उद्यानिकी विभाग के संयुक्त संचालक श्री आशीष खरे, उप संचालक श्री गुर्जर, युनाईटेड इण्डिया इंश्योरेंस कंपनी के मैनेजर श्री अजय रावत, कंपनी के पैनल लॉयर श्री द्वारकाधीश चौधरी, उद्यानिकी विभाग के श्री अनिल पंचोली, श्री सुभाष श्रीवास्तव एवं अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
करण कुमारिया ने कहा कि ग्राम पंचायतों में प्रचार-प्रसार के लिये जाने वाले वाहन द्वारा अधिक से अधिक ग्रामीणजनों को योजना के बारे में बताया जाये तथा योजना के तहत लाभान्वित किया जाये। उल्लेखनीय है कि मौसम आधारित फसल बीमा योजना रबी 2019-20 के तहत फसलों का बीमा कराने की अन्तिम तिथि 31 दिसम्बर 2019 है, अत: समस्त किसान भाईयों से अपील है कि जिन्होंने अपनी उद्यानिकी फसलों का बीमा उक्त योजना और अवधि के अन्तर्गत नहीं कराया है, वे शीघ्र-अतिशीघ्र बीमे के लिये आवेदन करें।
उक्त योजना से किसान भाई अपनी फसलों को अतिवृष्टि या बेमौसम वर्षा, अधिक तापमान, कम तापमान, सापेक्षिक आर्द्रता, वायु की तीव्रता, ओलावृष्टि आदि से बचा सकते हैं। अधिसूचना के अनुसार रबी 2019-20 के अन्तर्गत टमाटर, बेंगन, फूलगोभी और पत्तागोभी के लिये बीमित राशि 61522.50 प्रति हेक्टेयर और कृषक द्वारा देय प्रीमियम 3076 प्रति हेक्टेयर होगी। हरी मटर के लिये बीमित राशि 25593.75 प्रति हेक्टेयर और कृषक द्वारा देय प्रीमियम 1280 प्रति हेक्टेयर होगी। लहसुन के लिये बीमित राशि 47325 प्रति हेक्टेयर और कृषक द्वारा देय प्रीमियम 2366 प्रति हेक्टेयर होगी। धनिया के लिये बीमित राशि 25593.75 प्रति हेक्टेयर और कृषक द्वारा देय प्रीमियम 1280 प्रति हेक्टेयर होगी। आम के लिये बीमित राशि 51236.25 प्रति हेक्टेयर और कृषक द्वारा देय प्रीमियम 2562 प्रति हेक्टेयर होगी। अनार के लिये बीमित राशि 122850 प्रति हेक्टेयर और कृषक द्वारा देय प्रीमियम 6143 प्रति हेक्टेयर होगी। अंगूर के लिये बीमित राशि 146250 प्रति हेक्टेयर और कृषक द्वारा देय प्रीमियम 7313 प्रति हेक्टेयर होगी। आलू के लिये बीमित राशि 78750/47287.50 प्रति हेक्टेयर और कृषक द्वारा देय प्रीमियम 3938/2364 प्रति हेक्टेयर होगी और प्याज के लिये बीमित राशि 47325 प्रति हेक्टेयर और कृषक द्वारा देय प्रीमियम 2366 प्रति हेक्टेयर होगी।
इस योजना के अन्तर्गत समस्त कृषक जो अधिसूचना के अनुसार अधिसूचित फसलों की खेती कर रहे हैं और अधिसूचित उद्यानिकी फसलों के लिये दिये गये चार्ट अनुसार पात्र होंगे। कृषकों को स्थानीय ओलावृष्टि जोखिम से भी सुरक्षा प्रदाय की जायेगी। योजना की जानकारी और बीमा करवाने के लिये निकटतम बैंक शाखा/सहकारी/उद्यानिकी विभाग, सीएससी सेन्टर, अधिकृत एजेन्ट और युनाईटेड इण्डिया इंश्योरेंस कंपनी से सम्पर्क किया जा सकता है। ओलावृष्टि जोखिम के अन्तर्गत बीमा कंपनी को कृषक द्वारा टोलफ्री नम्बर 18002335018 पर 72 घंटों में सूचना देनी होगी।
अऋणी कृषक अपने सम्बन्धित बैंक जहां उनका ऋण/बचत खाता हो या सीएससी सेन्टर पर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करके खाते से प्रीमियम जमा कर बीमा करा सकते हैं। इसके लिये भू-अधिकार पुस्तिका, बुवाई प्रमाण-पत्र, पूर्णत: भरा हुआ प्रस्ताव-पत्र, पहचान-पत्र और आधार कार्ड अनिवार्यत: संलग्न करना होगा।